Saturday, 13 January 2018

लोहरी 2018। जानिए लोहरी की परंपरा। आखिर क्यों बनाई जाती है लोहरी । लोहरी का शुभ महूरत

लोहरी 2018।  जानिए  लोहरी की परंपरा।  आखिर क्यों  बनाई जाती है लोहरी । लोहरी  का शुभ महूरत।  

 

नये साल का पहला  त्यौहार है लोहरी।  लोहरी १३ जनवरी को  बनायीं जाती है। उतर भारत मई लोहरी लोकप्रिय त्योहारों मे से एक है।  इस  त्यौहार को पंजाब मे बहुत धूम धाम से बनाया जाता है।  

कैसे मनाते हैं लोहड़ी?

पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्यौहार है। इस दिन अलाव जलाकर उसके इर्दगिर्द डांस किया जाता है। लड़के भांगड़ा करते हैं , लड़कियां और महिलाएं गिद्धा करती है।   इस दिन विवाहिता पुत्रियों को मां के घर से 'त्योहार' (वस्त्र, मिठाई, रेवड़ी, फलादि) भेजा जाता है।   वहीं, जिन परिवारों में लड़के का विवाह होता है या जिन्हें पुत्र प्राप्ति होती है।  उनसे पैसे लेकर मुहल्ले या गांव भर में बच्चे ही रेवड़ी बांटतेहै।  
 

लोहरी जलाने  का महूरत ?

 लोहड़ी का शुभ मुहुर्त शाम 05:57 से 07:37 और 09:16 से 10:56 तक आप आग जलाकर पूजा कर सकते है।  


लोहड़ी और दुल्ला भट्टी की कहानी।  


  एक कहानी के अनुसार कहा जाता है कि पंजाब में दुल्ला भट्टी नाम का एक शख्स था, जो गरीब लोगों की मदद करता था। उसने मुश्किल समय में सुंदरी और मुंदरी दो अनाथ बहनों की मदद की जिनको उसके चाचा ने जमीदारों को सौप दिया था। दुल्ला ने उन्हें जमीदारों के चंगुल से छुड़ाकर लोहड़ी की इसी रात आग जलाकर उनकी शादी करवा दी और एक सेर शक्कर उनकी झोली में डालकर विदाई की। माना जाता है कि इसी घटना के कारण लोग लोहड़ी का त्योहार मनाते हैं। दुल्ला भट्टी को आज भी प्रसिद्ध लोक गीत 'सुंदर-मुंदिरए' गाकर याद किया जाता है। 


आप सब भी अपने विचार  इस पावन पर्व पर जरूर  लिखे। 

Previous Post
Next Post

post written by:

0 comments: